क्रिकेट की जीत हुई

फर्राटा क्रिकेट के पहले विश्वकप में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम कर लिया। पारंपरिक और कड़े प्रतिद्वंदी भारत और पाक आमने सामने थे। क्रिकेट में इन दोनों टीमों की भिड़ंत क्रिकेट प्रेमियों के ड्रीम की तरह है। जो रोमांच और दीवानगी इनके मैचों में होती है वो कहीं और देखने को नहीं मिलती। हर टूर्नामेंट के आयोजकों का सपना होता है कि फाइनल भारत और पाक के बीच हो। जब बात विश्वकप फाइनल की हो तो जो गर्मी २४ तारीख को महसूस हुई वह अनअपेक्शित नहीं थी।न सिर्फ भारत-पाकिस्तान बल्कि दुनिया के हर क्रिकेट खेले जाने वाले देश में रोमांच अपने चरम पर था। जो जुनून और खेल दोनों टीमों ने दिखाया उससे हर क्रिकेट का शौकीन रोमांचित हो गया। मैच के बाद शाहिद अफरीदी और धोनी ने सही कहा कि हार-जीत इतनी महत्वपूर्ण नहीं थी जितना अच्छा खेल खेलना। और इसमें कोई शक नहीं कि कल क्रिकेट अच्छा खेला गया। कई तरह के विवादों और विश्वकप २००७ के बाद से क्रिकेट में निरसता आ गई थी। इस टूर्नामेंट ने कम से कम नई जान तो फूंकी। कल भले ही भारत जीता हो लेकिन वास्तव में जीत तो क्रिकेट की ही हुई है।

Comments

ePandit said…
सही कहते हैं आप। इसी बहाने क्रिकेट का रोमांच तो लौटा।
mamta said…
बिल्कुल! यही तो क्रिकेट है।

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